उन्नाव में वकीलों ने पार की सारी हदें, एडीजे को चैंबर में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, किसी तरह बची जान, मामले को दबाने का प्रयास तेज
बार और बेंच के बीच समन्वय की लाख बातें की जाती हैं लेकिन ये सब हवा-हवाई साबित हो रही हैं। कल उन्नाव में वकीलों ने मानवता को शर्मशार करने वाला नग्न तांडव किया। जिसकी हर ओर आलोचना हो रही है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:
उन्नाव: दिनांक 25 मार्च को सुबह 11 बजे उन्नाव की जिला अदालत में जो नग्न तांडव वकीलों ने मचाया है, इसकी हर तरफ आलोचना हो रही है। कोर्ट संख्या 11 में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रहलाद टंडन अपने चैंबर में मुकदमों की सुनवाई कर रहे थे तभी बार के वर्तमान व पूर्व पदाधिकारी बड़ी संख्या में जबरन चैंबर में घुस गये और एडीजे टंडन की पिटाई शुरु कर दी।
इस दौरान टंडन को गंदी-गंदी गालियां दी गयीं और मोबाइल भी छीन लिया गया। जब वकीलों का मन इससे भी नहीं भरा तो चैंबर में जमकर तोड़ फोड़ की। किसी तरह कोर्ट के कर्मचारियों ने बीच-बचाव कर जज की जान बचायी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक एडीजे ने इस बारे में उन्नाव थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। जिसमें सारे घटनाक्रम का उल्लेख करते किया गया है। एडीजे ने वकीलों से जान का खतरा बताया है।
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बताया जा रहा है कि एडीजे की पॉक्सो कोर्ट में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वकीलों के साथ मुकदमे की पैरवी करने पहुंचे थे तभी कोर्ट के अंदर वीडियो बनाने को लेकर बार एसोसिएशन अध्यक्ष और जज के बीच कहा सुनी हो गयी। कोर्ट में शोर-शराबा और हंगामे से वकीलों की भीड़ इकट्ठा हो गई और हंगामा शुरु हो गया।
बवाल की सूचना पर सीओ भारी पुलिस बल के साथ कोर्ट परिसर पहुंचे और कोर्ट को छावनी में तब्दील कर दिया।
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उधर, वकील पक्ष का कहना है कि अधिवक्ताओं ने शिकायत की थी कि कोर्ट नंबर 11 में अभद्रता हुई है, जिला जज ने मध्यस्थता की है, विवाद समाप्त हो गया है। हड़ताल भी वापस ले ली गई है। मारपीट नहीं हुई है।
मामले में पुलिस का कहना है कि मारपीट जैसा कुछ भी नहीं था। हालात सामान्य है।